फाइलेरिया उन्मूलन अभियान का हुआ शुभारंभ

- घर-घर जाकर आशा खिला रहीं हैं डीईसी व एल्बेंडाजोल की दवा 


- 14 दिनों तक चलेगा अभियान, प्रत्येक व्यक्ति को खिलाई जाएगी दवा


- जिले के 12.17 लाख से अधिक लोगों को दवा खिलाने का है लक्ष्य 

लखीसराय, 28  सितम्बर, 2020

जिले में 14 दिनों तक चलने वाले फाइलेरिया उन्मूलन अभियान का सोमवार को शुभारंभ हो गया। इस अभियान के तहत पूरे जिले में स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर लोगों को डीईसी व एल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जाएगी और इससे बचाव व पीड़ित व्यक्ति को उपचार की जानकारी दी जाएगी। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी, डॉ. धीरेन्द्र कुमार ने बताया, जिले के सभी प्रखंडों में कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। जिले के 12 लाख 17 हजार 298 लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। 


घर-घर जाकर आशा ने सामने में खिलाई दवा

उक्त अभियान का शुभारंभ के साथ स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को को अपने सामने में दवाई खिलाई और इससे बचाव को लेकर आवश्यक जानकारी दी। साथ ही पूर्व से फाइलेरिया से पीड़ित लोगों को उपचार एवं सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध व्यवस्था की जानकारी दी। उन्होंने बताया शहरी क्षेत्र में ऑगनबाड़ी सेविका और ग्रामीण क्षेत्र में आशा घर-घर जाकर दवा खिला रही हैं।



निर्धारित है दवा की मात्रा

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी, डॉ. धीरेन्द्र कुमार ने बताया अभियान को हर हाल सफल बनाने को लेकर को 61 पर्यवेक्षकों, 1218 दवा वितरकों और 609 दलों के साथ स्वास्थ्य टीम का किया गया। अभियान के दौरान दो वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को डाई इथाइल कार्बामाजिन (डीईसी) एवं एल्बेंडाजोल दवा की खुराक दी जाएगी। 2 से 5 वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की एक गोली एवं एल्बेंडाजोल की एक गोली, 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की दो गोली एवं एल्बेंडाजोल की एक गोली एवं 15 वर्ष से अधिक लोगों को डीईसी की तीन गोली एवं एल्बेंडाजोल की एक गोली दी जाएगी। एल्बेंडाजोल की दवा को चबाकर खाना है। 



फाइलेरिया एक घातक रोग है

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी, डॉ. धीरेन्द्र कुमार ने बताया इस बीमारी से जुड़ी विकलांगता जैसे ब्रंक्रोफटियन फाइलेरिया में विभिन्न अंगों में सूजन के साथ हाइड्रोसील (अंडकोष की थैली में सूजन) तथा ब्रजीयन फाइलेरिया में हाथीपांव और घुटने के नीचे पैर प्रभावित होते हैं। यह एक घातक रोग है। इसके कारण पीड़ित को काफी समस्याओं को सामना करना पड़ता है। इसकी दवा लाभप्रद है। फाइलेरिया की दवा खाली पेट नहीं खानी चाहिए। साथ ही गर्भवती और दो वर्ष से कम वर्ष के बच्चों को दवा का सेवन नहीं करना है। दवा सेवन से जी मतलाना, हल्का सिर दर्द एवं हल्का बुखार हो सकता है जो शरीर में मौजूद फाइलेरिया के परजीवी के मरने के कारण होता है। हालांकि ज्यादा परेशानी होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर संपर्क कर सकते हैं। 


केयर इंडिया का रहेगा तकनीकी सहयोग, कोई छूट न जाए इसका रहेगा ख्याल

इस अभियान में केयर इंडिया भी तकनीक सहयोग करेगी। साथ ही इस बात विशेष रूप से ख्याल रखा जाएगा कि कोई भी व्यक्ति इससे नहीं छूटे। इसके लिए केयर इंडिया के 14 एक्सटर्नल मॉनिटर कार्यक्रम के दौरान विभिन्न गतिविधियों से इसकी सफलता सुनिश्चित करेंगे। फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की जानकारी और लाभ के साथ समुदाय में जागरूकता फैलाने के लिए घर-घर जाकर नुक्कड़ नाटक, बैनर पोस्टर जैसे माध्यमों से प्रचार-प्रसार किया जााएगा। कार्यक्रम के दौरान 13 दिन बाद यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई व्यक्ति दवा के सेवन से छूट न गया हो, अगर कोई ऐसा मिलेगा तो उसे दवा की खुराक दिलाई जाएगी।


कर्मियों को मिलेगा पारितोषिक, केंद्रों में पहुंच चुकी है दवा

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी, डॉ. धीरेन्द्र कुमार ने बताया सर्वजन दवा सेवन अभियान में लगे स्वास्थ्य कर्मियों को विभाग द्वारा पारितोषिक भी दिया जाएगा। दवा वितरकों का पारितोषिक 200 घरों में खिलाने पर एकमुश्त 2400 रुपए है वहीं पर्यवेक्षकों को 175 रुपए प्रति दिन की दर में देय है। उन्होंने बताया जिले में राज्य द्वारा 28,006,020 डीईसी एवं 12,00,320 अल्बेंडाजोल दवा की आपूर्ति की गई है, जिसे सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में वितरित कर दिया गया है।

रिपोर्टर

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