एमडीए अभियान के लिए रणनीति बनाने के लिए राज्य स्तरीय टीओटी का हुआ आयोजन

• 10 अगस्त से 13 जिलों में फ़ाइलेरिया रोधी दवाएं खिलाई जाएगी
• बैठक में एमडीए की सफलता पर बनी रणनीति
• अन्तर्विभागीय सामंजस्य एवं सहयोग पर दिया गया बल

पटना-

शनिवार को पटना स्थित होटल में आगामी एमडीए कार्यक्रम के लिए रणनीति तैयार करने के लिए राज्य के 13 जिलों के डीभीवीडीसीओ, भीडीसीओ, भीवीडी कंसलटेंट, डीसीएम एवं सहयोगी संस्थाओं के साथ प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण (टीओटी ) आयोजित किया गया. इस दौरान पिरामल के टेक्निकल एक्सपर्ट डॉ. इंद्रनाथ बनर्जी ने मंच का संचालन किया एवं कार्यक्रम निदेशक बासब रुज ने आयोजन की जिम्मेदारी संभाली.
जिला स्तरीय प्रशिक्षकों को संबोधित करते हुए अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, फ़ाइलेरिया डॉ. परमेश्वर प्रसाद ने कहा कि राज्य के 13 जिलों ( पटना, बक्सर, भोजपुर, नालंदा, रोहतास, नवादा, किशनगंज, मधेपुरा, दरभंगा, समस्तीपुर, लखीसराय मधुबनी एवं पूर्णिया ) में 10 अगस्त से शुरू होने वाले एमडीए राउंड में लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन कराया जाएगा. जिसमें 14 दिनों तक घर-घर जाकर एवं 3 दिनों तक स्कूल में बूथ के माध्यम से दवा सेवन सुनिश्चित किया जाएगा. 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं गंभीर रोगों से ग्रसित व्यक्तियों को छोड़कर सभी को अभियान के दौरान दवा खिलाई जाएगी. एमडीए राउंड को सफ़ल बनाने के लिए इस मुहीम को जनांदोलन बनाने की जरूरत है. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ विभिन्न विभागों एवं सामाजिक संस्थाओं की सक्रिय सहभागिता की भी आवश्यकता है.
फ़ाइलेरिया उन्मूलन के लिए 2027 तक का है लक्ष्य:
डॉ. वाई. एन. पाठक, राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, आशा सेल ने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार ने वर्ष 2027 तक फाइलेरिया उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किया है. इसके लिए प्रखंड स्तरीय नीति के अंतर्गत सभी प्रखंडों में डीसीएम के नेतृत्व में आशा कार्यकर्ताओं का उन्मुखीकरण एवं उनके साथ नियमित बैठक एवं प्रखंड स्तरीय स्वास्थ्यकर्मियों का आशाकर्मियों में सामंजस्य होना आवश्यक है. ताकि एमडीए राउंड में शत-प्रतिशत कवरेज सुनिश्चित हो सके.
शत-प्रतिशत दवा सेवन जरुरी :
विश्व स्वास्थ्य संगठन के स्टेट एनटीडी कोऑर्डिनेटर डॉ. राजेश पांडेय ने पॉवर प्रेजेंटेशन के माध्यम से फाइलेरिया उन्मूलन रणनीति में शामिल नाईट ब्लड सर्वे एवं एमडीए के तकनीकी पक्ष पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि शत-प्रतिशत फाइलेरिया रोधी दवा सेवन से ही फाइलेरिया प्रसार चक्र को तोड़ा जा सकता है.
सभी विभागों के सक्रीय सहयोग के लिए सभी प्रयासरत:
पिरामल स्वास्थ्य के कम्युनिकेबल डिजीज के स्टेट लीड बिकास सिन्हा ने कहा कि एमडीए राउंड को सफ़ल बनाने के लिए विभिन्न विभागों के साथ समन्वय स्थापित किया जाएगा. उन्होंने इस दौरान पिरामल की भूमिका पर विस्तार से जानकारी भी दी एवं पंचायती राज, शिक्षा एवं युवा के साथ जिला, प्रखंड एवं ग्रामीण स्तर पर अधिकारीयों की भागिदारी सुनिश्चित करने की बात कही. साथ ही इन विभागों के उन्मुखीकरण करने पर भी जोर दिया.
फ़ाइलेरिया नेटवर्क मेंबर ने रखी अपनी बात:
इस दौरान सिफार के अपर राज्य कार्यक्रम प्रबंधक रणजीत कुमार ने एमडीए के दौरान मीडिया एवं फ़ाइलेरिया नेटवर्क की भूमिका पर विस्तार से प्रकाश डाला. वहीँ पटना के फ़ाइलेरिया नेटवर्क से जुडी सीता देवी ने नेटवर्क से जुड़ने के बाद उनके जीवन में आये बदलाव पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि उनके साथ सभी नेटवर्क सदस्यों ने एमडीए के दौरान शत-प्रतिशत दवा सेवन सुनिश्चित कराने की रणनीति पर कार्य शुरू कर चुकी हैं.
इस दौरान सीतामढ़ी से आये पंचायत मुखिया पद्मराज भारदवाज ने एमडीए राउंड को सहयोग कराने के पीछे की वजह पर चर्चा करते हुए 13 जिलों के मुखिया को सक्रिय रूप से सहयोग करने की अपील की.
पीसीआई इंडिया की राज्य कार्यक्रम प्रबंधक, फ़ाइलेरिया डॉ. पंखुड़ी मिश्रा ने पीसीआई की एमडीए राउंड में भूमिका पर प्रकाश डाला.
इस दौरान फाइलेरिया के राज्य सलाहकार डॉ. अनुज रावत ने भी चर्चा की. साथ ही कार्यशाला में राज्य के 13 जिलों से डीसीपीएम, भीवीडीसीओ, भीवीडीसी कंसलटेंट सहित पिरामल के डिस्ट्रिक्ट लीड भी शामिल हुए.

रिपोर्टर

  • Swapnil Mhaske
    Swapnil Mhaske

    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

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