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निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप 99 प्रतिशत से अधिक लोगों ने खाई फाइलेरिया रोधी दवा
फाइलेरिया है एक गंभीर बीमारी – निवारण के लिए दवा खाना है जरुरी : डॉ अशोक
शेखपुरा-
फाइलेरिया जैसी गंभीर बीमारी को जड़ से समाप्त करने के लिए जिले में सर्वजन -दवा सेवन अभियान चलाया गया .जिसमें 6,85,832 लोगों ने दवा खाया है . जो निर्धारित लक्ष्य 6,90,757 के अनुरूप 99.29 प्रतिशत है . इस बाबत बात करते हुए जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार सिंह ने बताया की सर्वजन -दवा सेवन अभियान में समुदाय के इतने लोगों का दवा खाना इस बात को दर्शाता है की लोग अब फाइलेरिया जैसी बीमारी से निपटने के लिए कमर कस ली है . जो इस बीमारी के उन्मूलन के लिए शुभ संकेत है .
डॉ अशोक ने बताया की हम आये दिन देखते रहते हैं की समाज में लोग हाथी पाँव को लेकर अपने जिंदगी को जी रहे हैं .अपने साथ अपने अपने परिवार के भरण -पोषण के लिए इस हाथी पाँव के भार को ढोते हुए कार्य करते रहते हैं .जो की उस पीड़ित व्यक्ति के लिए बहुत ही कष्ट - दायक होता है .इसलिए लोगों को समय पर पूर्ण बचाव हेतु दवा दवा खाना बहुत ही जरुरी है .क्योकीं अगर ये बीमारी एक बार हो गयी तो फिर इससे छुटकारा पाना ताउम्र मुश्किल ही नहीं नामुकिन है .
वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी श्याम सुंदर कुमार मने बताया की निर्धारित लक्ष्य को हम पूरा करने के लिए पुरे जिले में कुल 347 टीम को लगाया गया था .जिसका सार्थक परिणाम देखने को भी मिला है .
उन्होंने बताया की पुरे जिला में इस अभियान की सफलता हेतु जागरूकता रथ को भी चलाया गया था . जिसके माध्यम से माइकिंग के द्वारा लोगों को फाइलेरिया बीमारी के बारे में जागरूकता के साथ -साथ ये भी बताया गया की अगर दवा नहीं खाते हैं तो इसके परिणाम क्या -क्या हो सकते हैं .
फ़ाइलेरिया के शुरुआती लक्षण ये हो सकते हैं:
• बुखार
• बगल और कमर में लसीका ग्रंथि में सूजन
• अंगों और कमर में दर्द
• प्रभावित वाले जगह पर मवाद इकट्ठा होना और त्वचा की सतह पर बहना
• सामान्य अस्वस्थता
• प्रभावित शरीर के हिस्से में सूजन
• लसीका द्रव के संचय के कारण अंगों, जननांगों या स्तनों में सूजन
• प्रभावित क्षेत्र में असुविधा या दर्द का अनुभव होना
रिपोर्टर
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Aishwarya Sinha