अपना नेशन देश को समर्पित मेरी प्रिय मेलोडी- कृति पटेल

उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े शहर कानपुर में पली बढ़ी अभिनेत्री कृति पटेल के लिए सफलता उनके अपने प्रयास का नतीजा मात्र है। किस तरह उनके सपने साकार हुए।  कृति पटेल से प्रीमियर वर्ल्ड संपादक राजेश राजा से खास बातचीत की।

 

-आप माइक्रो बायलॉजी की स्टूडेंट थीं। अचानक अभिनय की ओर कैसे मुड़ गई?

 

बचपन से ही यह कांसेप्ट रहा  दिमाग में कि जब कोई एक काम चल रहा है। पहले उसको पूरा किया जाए। उसके बाद ही किसी दूसरी दिशा में कदम बढ़ाया जाए। इस लिहाज से पढ़ाई से फ़्री होकर इधर अपने कदम बढ़ चले।

- कभी बचपन में अभिनय का शौक रहा क्याबचपन के दिनों को थोड़ा विस्तार से याद करेंगी आप।

जी, बिल्कुल। स्कूल के दिनों में प्ले करने का बड़ा पैशन रहा। दोस्त, टीचर और पैरेंट मुझे खूब प्रमोट करते रहे। इस मामले में सचमुच बहुत लकी थी। शायद यही वजह भी रहा, जो एजुकेशन के बाद हौसला बढ़ा। हर स्तर पर घर में मेरी पीठ थपथपाई गई, मगर किसी ने प्ले करने के लिए कभी नहीं कहा। इसके चलते अपने आप से फैसले लेने की आदत ने मंज़िल को आसान बना दिया।

 

- एजुकेशन के बाद आपके कदम शहर से बाहर कैसे निकले सके?

 

बड़ी दिलचस्प घटना है। देखिए, स्कूलिंग के दिनों में स्टडी के अलावा प्लेज में हिस्सा लेने से भीतर ही भीतर मुझे बड़ी ऊर्जा मिलती रही। जब पढ़ाई पूरी हुई तो एक्टिंग में जाना चाहती रही, लेकिन इतना साहस नहीं जुटा पाई कि घर में मुंबई जाने की बात कह सकूं। अपने शहर कानपुर में ऐसा माहौल भी नहीं था, लेकिन पढ़ाई या फ्यूचर प्लानिंग के लिए कभी रोकता नहीं था। यह सोचकर मैं मुंबई जाने का अपना रूट तैयार करने लगी। 

 

- फाइनलीक्या रुट बना आपका?

 

जी, इसके लिए मैंने सिविल एविएशन सेक्टर में एयर होस्टेस कोर्स करने का मन बनाया। यह कोर्स पूरा होते ही मैंने दिल्ली में जॉब की। इस बात के लिए मुझे कोई मना भी नहीं कर सकता था। इस तरह यह सपना पूरा होते हुए नजर आने लगा और फिर धीरे धीरे मैं मुंबई अा गई।

 

-अपने काम के बारे में आपने घर वालों को कब बताया?

मुंबई आकर मैंने जब  काम किया और मेरे पास बताने लायक नतीजे अा गए। तब तक घर वालों को पता चल चुका था। लेकिन इससे हर कोई बहुत खुश हुआ, खूब तारीफ की। सभी को लगा कि मैं नाम कमाने के लिए मुंबई गई, यह बड़ी बात है।

 

-वॉलीवुड में किस तरह माइलेज मिलना शुरू हुआ?

 

एक दिन किसी मित्र ने मुझसे कहा कि कोई डायरेक्टर एक सॉन्ग शूट करने के लिए कुछ कलाकार चाहते हैं, चाहो तो तुम जाकर उनसे मिल लो। मैं तो काम तलाश ही रही थी, सो जा पहुंची। सच बताऊं, डायरेक्टर पीयूष चक्रवर्ती के साथ यह मीटिंग मेरे करिअर के लिए बूस्टर बनी, जो यादगार रही।

 

- डायरेक्टर पीयूष चक्रवर्ती के साथ काम करने का आपका अनुभव कैसा रहा?

 

बीते वर्षों में पीयूष जी के साथ मैंने बहुत काम किया। मैं बताऊं, वे किसी भी प्रोजेक्ट से जुड़ते हैं तो मुझे आॅफ़र करना नहीं भूलते। यह मेरे लिए एक बड़ी बात है। वे अच्छे डायरेक्टर के साथ बहुत अच्छे इंसान भी हैं, जो टैलेंट को पूरा सम्मान देते हैं और टीम भावना में यकीन करते हैं। बहुत से कलाकारों को गाइड करना, अच्छा व्यवहार करना उनकी आदतों में शुमार है। सेट पर पीयूष जी अपने कलाकारों के भीतर का टैलेंट निकाल कर पर्दे पर उतारना बहुत अच्छी तरह जानते हैं।

 

-कुछ यादगार प्रोजेक्ट्सजिसे आप साझा करना चाहती हों?

 

हां, पीयूष जी द्वारा निर्देशित एक रोमांटिक सॉन्ग याद आता है, 'लव इज इन द एयर'। यह म्यूजिक एलबम बहुत हिट रहा। इसके अलावा पैट्रियोटिक सॉन्ग 'वी आर वन' को भी लोगों ने बहुत सराहा। अभी हाल में ही मैंने 'नेचर कल्चर' नाम की एड फिल्म शूट की। यह भी 

यादगार पल रहा। एक हिंदी फीचर फिल्म 'हवील चेयर' (Wheel Chair) में  मैं पुलिस अफसर की भूमिका में हूं। यह थ्रीलर फिल्म पश्चिम बंगाल की पृष्ठभूमि पर आधारित है, जो जल्दी ही रिलीज होगी। अभी करोना वायरस को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए एक मोटिवेशनल सॉन्ग आया, अपना नेशन। दरअसल आज करोना त्रासदी के माहौल में अपना नेशन मेरी प्रिय मेलोडी है। सोशल मीडिया पर आधार इंडिया इंटरनेशनल का यह मोटिवेशनल सॉन्ग अपना नेशन काफी लोकप्रिय हुआ है, जिसे आप बालीवुड टैलेंट चैनल पर आप देख सकते हैं। यह लिस्ट बहुत लंबी है।

रिपोर्टर

  • Grihjyoti (Admin)
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