Breaking News
जिले के 12 प्रखंडों के कालाजार प्रभावित गांव में जल्द होना है छिड़काव
सदर अस्पताल के साथ कहलगांव और नवगछिया के अनुमंडल अस्पताल में दिया गया प्रशिक्षण
भागलपुर, 14 सितंबर
कालाजार से मुक्ति के लिए सिंथेटिक पायराथायराइड के छिड़काव को लेकर सोमवार को स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया. इस दौरान स्वास्थ्यकर्मियों को छिड़काव के तरीके बताए गए. साथ ही उन्हें बताया गया कि जिले के कौन-कौन से गांवों में कालाजार के लक्षण वाले मरीज चिन्हित हुए हैं.
सदर अस्पताल, नवगछिया और कहलगांव के अनुमंडल अस्पतालों में स्वास्थ्यकर्मियों को केयर इंडिया व डॉक्टरों की टीम ने प्रशिक्षण दिया. मालूम हो कि जिले के 12 प्रखंडों में कालाजार रोगियों की पहचान के लिए सर्वे का काम 2 सितंबर को पूरा हो गया था. 1 सप्ताह तक चले सर्वे में सिर्फ पीरपैंती प्रखंड में चार उपचाराधीन मरीज की पहचान हुई थी. जांच के दौरान सन्हौला प्रखंड में भी कुछ लक्षण वाले व्यक्ति पाए गए थे, लेकिन जांच में कालाजार की पुष्टि नहीं हुई. 25 अगस्त से आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर कालाजार मरीजों की पहचान के लिए सर्वे का कार्य कर रही थी. अब उम्मीद है कि सितंबर महीने के आखिर में स्वास्थ्यकर्मी गांवों में नली, नालों व घरों की दीवार पर सिंथेटिक पाइराथाइराइड का छिड़काव का काम करेंगे. इसे लेकर ही स्वास्थ्यकर्मियों के प्रशिक्षण दिया गया.
कालाजार की रोकथाम को लेकर विभाग अलर्ट: जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. कुंदन भाई पटेल ने बताया कि कालाजार की रोकथाम व इसके सौ फीसदी उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है. प्रभावित प्रखंडों में छिड़काव का काम जल्द ही किया जाएगा. उन्होंने बताया कि जिले के 12 प्रखंडों में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सर्वे का काम किया था. इस काम में केयर इंडिया की टीम ने भी सहयोग किया. जिले के 4 प्रखंड कालाजार से मुक्त है, इसलिए वहां छिड़काव का काम नहीं होगा. केयर इंडिया के डीपीओ मानस नायक ने बताया कि स्वास्थ्यकर्मियों को छिड़काव के तरीके बताए गए. उन्हें चिन्हित गांव की जानकारी दी गई.
घर के पास जलजमाव नहीं होने दें:
डॉ पटेल ने बताया अब दवा का छिड़काव किया जाएगा. उन्होंने लोगों से अपील की है कि बीमारी से बचाव के लिए घर के आसपास जलजमाव नहीं होने दें. यदि जलजमाव की स्थिति है तो उसमें किरासन तेल डालें. सोते समय मच्छरदानी लगाएं, साथ ही बच्चों को पूरा कपड़ा पहनायें व शरीर पर मच्छर रोधी क्रीम लगाएं. कालाजार के खतरे को देखते हुए अपने घरों की भीतरी दीवारों और बथानों में कीटनाशक का छिड़काव करने व आसपास के हिस्से को सूखा व स्वच्छ रखने की अपील की गई.
कालाजार की ऐसे करें पहचान: डॉ पटेल ने बताया कालाजार एक वेक्टर जनित रोग है. कालाजार के इलाज में लापरवाही से मरीज की जान भी जा सकती है. यह बीमारी लिश्मैनिया डोनोवानी परजीवी के कारण होता है. कालाजार एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैलने वाली बीमारी है. यदि व्यक्ति को दो सप्ताह से बुखार और तिल्ली और जिगर बढ़ गया हो तो यह कालाजार के लक्षण हो सकते हैं. साथ ही मरीज .को भूख न लगने, कमजोरी और वजन में कमी की शिकायत होती है. यदि इलाज में देरी होता है तो हाथ, पैर व पेट की त्वचा काली हो जाती है. बाल व त्वचा के परत भी सूख कर झड़ते है. उन्होंने बताया कालाजार के संभावित लक्षण दिखने पर क्षेत्र की आशा से तुरंत संपर्क करना चाहिए तथा रोगी को किसी नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाना चाहिए.
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Grihjyoti (Admin)