• नये कृषि भवन का मुख्यमंत्री ने किया उद्धाटन, ‘बिहान’ एप एवं ऑनलाइन पोर्टल किया लांच
• एप की मदद से छोटे किसानों को भी उपलब्ध होगी कृषि से जुड़ी रियल टाइम जानकारी
बांका/ 18, सितम्बर : राज्य में 121.25 करोड़ रूपये की लागत से नये कृषि भवन को तैयार किया गया है. राजधानी पटना के मीठापुर में अवस्थित इस भवन में कृषि विभाग के सारे कार्यालय होंगे. नया कृषि भवन 23.80 एकड़ क्षेत्रफल में फैला हुआ है. शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कृषि भवन का उद्धघाटन किया. इस मौके पर उन्होंने बिहान एप भी लांच किया. बिहार सरकार के कृषि विभाग ने राज्य के भीतर कृषि डेटा के डिजिटलीकरण और एक निर्णय समर्थन प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए “ बिहान ” ऐप और ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किया है, जिससे किसानों को कृषि संबंधी कार्यों को आसान बनाने में सहूलियत होगी .
इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि ‘बिहान’ एप कृषि को बढ़ावा देने की दिशा में अच्छी पहल है. कृषि की जानकारी डिजिटल माध्यम से अब किसानों तक पहुंच सकेंगी. इसका बड़ा फायदा किसानों को होगा. छोटे किसानों तक खेती-किसानी की जरुरी जानकारियां आसानी से पहुंच सकेगी. यह राज्य में कृषि के क्षेत्र में एक नये बदलाव व क्रांति का संकेत है.
सूचना तकनीक की मदद से पहुंचेगी कृषि योजनाएं:
आधुनिक सूचना प्रोद्योगिकी तकनीक के इस्तेमाल से कृषि योजनाओं को किसानों तक पहुंचाने में गुणात्मक परिवर्तन लाने के उद्देश्य से इस एप को लॉच किया गया है. कृषि क्षेत्र में सूचना तकनीक के योगदान को लेकर पूर्व में मुख्यमंत्री एवं बिल् गेट्स के बीच हुई बैठक में बिल एवं मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन और कृषि विभाग के बीच सहयोग पर निर्णय लिया गया था. जिसके बाद कृषि विभाग एवं फाउंडेशन के बीच आपसी समन्वय से एग्रीक्लचरल डाटा इंफॉरमेशन डैशबोर्ड एज़ ए सर्विस परियोजना का निर्माण किया गया. बिहान एप इस योजना के एक प्रमुख घटक है. यह पहली परियोजना है, जो कृषि विभाग एवं बिल एवं मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में कार्यान्वित किया जा रहा है.
छोटे-छोटे किसानों को तकनीक से मिलेगा सहयोग :
इस संदर्भ में बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के सहयोग से बिहार सरकार ने राज्य भर में डेटा के एकीकरण द्वारा बिहार में छोटे-छोटे किसानों के हित में काम करने के लिए एक नया डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म लॉन्च किया है. इसके लिए मोबाइल और वेब आधारित एप को भी विकसित किया गया है जो रियल टाइम जानकारी एकत्रित करने में मदद करेगा. साथ ही ‘‘ बिहान’’ नामक यह प्लेटफ़ॉर्म विभाग को किसान और फसल की जानकारी की प्रदान करने और डेटा-संचालित निर्णयों को सक्षम करने में भी सहयोग करेगा. परियोजना को डिजिटल इंटेलिजेंस सिस्टम, एलएलसी (डीआईएसवाईएस) द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है.
डिजिटल कृषि का समर्थन वर्तमान समय की जरूरत:
कृषि बिहार की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 70% से अधिक लोगों को रोजगार देती है. कृषि क्षेत्र वर्तमान परिदृश्य में नए तकनीकों द्वारा संचालित एक परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है, जो एक सकारत्मक सूचक है. साथ ही यह कृषि उत्पादकता और लाभप्रदता के अगले स्तर तक ले जाने में सक्षम भी होगा. परिशुद्ध कृषि आधुनिक कृषि क्रांति की तीसरी लहर बन गई है, जो यह समझ विकसित करती है कि कब और कैसे कार्य करने की जरूरत है. डिजिटल इंडिया के युग में बड़ी मात्रा में डेटा की उपलब्धता के साथ यह सरकारी तंत्र और इसके संचालन के लिए "डिजिटल कृषि" का समर्थन करना जरूरी हो जाता है. भारत “डिजिटल क्रांति” के मामले में सबसे आगे है और कृषि क्षेत्र के लिए भी इसका अनुसरण करना महत्वपूर्ण है
रिपोर्टर
Grihjyoti (Admin)
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
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